'' काव्यवन ''
एक रोज उसे मोहब्बत की निशानी दूंगा।
पहला तोहफ़ा उसे, पायल खानदानी दूंगा।
अपनी नजरों से कहो जरा तमीज से रहे ,,
मेरी नजरों से लड़कर ये मोहब्बत बढ़ा रही है••||☻
मेरी नजरों से लड़कर ये मोहब्बत बढ़ा रही है••||☻
न जाने कितने भँवरों को बहका कर आई है।
एक नहीं हजारों रंग दिखाती है।
ज़िन्दगी है जनाब,हमे जीना सिखाती है।
ज़िन्दगी है जनाब,हमे जीना सिखाती है।
सुलझ भी सकता है झगड़ा उससे कहो की अभी...
जुदाई के किसी कागज पर दस्तख़त न करे..
जुदाई के किसी कागज पर दस्तख़त न करे..
जब "पूछती" है वो की "मीठे" में क्या "लेंगे" आप...!!
तो कमबख्त ये "निगाहें" उनके "लबों" पर जा "ठहरती" है...!!
तो कमबख्त ये "निगाहें" उनके "लबों" पर जा "ठहरती" है...!!
तुम भी कमाल करते हो ,,
जवाब जानते हुए भी सवाल करते हो••||
जवाब जानते हुए भी सवाल करते हो••||
थकान सारी दुनिया , सुकून सिर्फ तुम हो ;
फरेबी सारी दुनिया , यकीन सिर्फ तुम हो••||
फरेबी सारी दुनिया , यकीन सिर्फ तुम हो••||
रूठना मत कभी हमसे, मना नही पायेंगे
तेरी वो कीमत है मेरी जिंदगी में,
कि शायद हम अदा नहीं कर पायेंगे ।
तेरी वो कीमत है मेरी जिंदगी में,
कि शायद हम अदा नहीं कर पायेंगे ।
जुड़े सबसे है हम,
मगर डूबे सिर्फ तुझमे है....
मगर डूबे सिर्फ तुझमे है....
लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं,
मैंने उस हाल में जीने की क़सम खाई है।
मैंने उस हाल में जीने की क़सम खाई है।
अब ये सर्दी चाय से नही जाने वाली ,,
अबकी बार तुम्हे करीब आना होगा ||
अबकी बार तुम्हे करीब आना होगा ||
बड़ी फुरसत में है आज हम तीनो ,,
तुम , इतवार और मैं••||
तुम , इतवार और मैं••||
सारा शहर ठंडा है आजकल ,,
एक तेरी बाहों को छोड़कर••||
एक तेरी बाहों को छोड़कर••||
जिस दिन तुम्हे परेशान करना छोड़ दूं ,,
समझ लेना खो दिया है तुमने मुझे••||
समझ लेना खो दिया है तुमने मुझे••||
बस नफरत होने ही वाली थी तुमसे...
कि दोस्तों ने तेरा हाल पूछ लिया
कि दोस्तों ने तेरा हाल पूछ लिया
शातिर तो तुम थे जो बहला कर चले गए
पागल तो हम थे जो आज तक इंतजार कर रहे है...
पागल तो हम थे जो आज तक इंतजार कर रहे है...
तुम माफ़ी माँग के तो देखो ,,
गले से ना लगा लू तो कहना••||
गले से ना लगा लू तो कहना••||
कोई तुम्हें चाहे और सिर्फ तुम्हें चाहे....
तो क्यों ना तू उसके लिए अपनी बाहें फैलाए...!!
तो क्यों ना तू उसके लिए अपनी बाहें फैलाए...!!
Tags:
shayri